Sunday, August 17, 2014

वृन्दावनमें बंशी


Vrindaban Men Bahshi

वृन्दावनमें बंशी कौन बजाया


वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?
“राधा, राधा, राई !” कह बुलाया ॥

छिन्दन होवे नाभि गाँठ ।
कटि पर वस्त्र न रहे आँट ।
सरक जाए आवरण का पट ॥

वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?

यमुना जल बहें उछल ।
मकरन्द झरें तरल ।
पी कर सभी विह्वल ॥

वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?

मुनियोंके आश्रम उभर ।
रस मे भीगें झरझर ।
बाघ संग कुरंगी दौड़े तत्पर ॥

वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?

स्वामी कृष्णानन्द निवेदन ।
राधा-कृष्ण पादों का मनन ।
चित्त में सदा रहे अनन्य ॥

वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?

स्वामी कृष्णानन्द

रचना – २ अगस्त २०१४ ॥

© २०१४, सर्वाधिकारसुरक्षित ।

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