वृन्दावनमें बंशी कौन बजाया
वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?
“राधा, राधा, राई !” कह बुलाया ॥
छिन्दन होवे नाभि गाँठ ।
कटि पर वस्त्र न रहे आँट ।
सरक जाए आवरण का पट ॥
वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?
यमुना जल बहें उछल ।
मकरन्द झरें तरल ।
पी कर सभी विह्वल ॥
वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?
मुनियोंके आश्रम उभर ।
रस मे भीगें झरझर ।
बाघ संग कुरंगी दौड़े तत्पर ॥
वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?
स्वामी कृष्णानन्द निवेदन ।
राधा-कृष्ण पादों का मनन ।
चित्त में सदा रहे अनन्य ॥
वृन्दावनमें बंशी किसने बजाया ?
स्वामी कृष्णानन्द
रचना – २ अगस्त २०१४ ॥
© २०१४, सर्वाधिकारसुरक्षित ।
brindavan mein banshi kisne bajaya? wah!
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