Tuesday, August 19, 2014

पकडो श्रीगुरु पाद हे


Pakdo Sri Guru Paad He

पकडो श्रीगुरु पाद हे


भाग्यमें है तो पकडो पकडो पद्मपाद हे ।
सौभाग्य हो तो पकडो जकडो श्रीगुरु पाद हे ॥

पकडे रहो श्रीगुरु के जुगल पद्मपाद ।
खंडन होंगे सब कालविपत्ति प्रमाद ।
भाग्यमें हो तो पकडो जकडो श्रीपाद हे ॥

किया है जब दोष बखानो श्रीगुरु पास ।
छेदन हो निर्वृत्ति अपराधों से आस ।
भाग्यमें हो तो पकडो जकडो श्रीपाद हे ॥

पाप जलेंगे ब्रह्म में ख्याति अलेख धर्म में ।
सम्पूर्ण निर्वेद हो लगो सात्विक कर्म में ।
भाग्यमें हो तो पकडो जकडो श्रीपाद हे ॥

सत्य है यह पथ मनमें अप्रत्यय न कर ।
अथवा पस्चात् में होगा प्रमाद का असर ।
भाग्यमें हो तो पकडो जकडो श्रीपाद हे ॥

ॐ-कार परम पद पियो मकरन्द मधु ।
बोले स्वामी कृष्णानन्द अति ही स्वादु ।
भाग्यमें हो तो पकडो जकडो श्रीपाद हे ॥

भाग्यमें है तो पकडो पकडो पद्मपाद हे ।
सौभाग्य हो तो पकडो जकडो श्रीपाद हे ॥

स्वामी कृष्णानन्द

रचना – ३० जुलाई २०१४ ॥

© २०१४, सर्वाधिकारसुरक्षित ।

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